BY SAPNA JAIN
जरुरी नहीं कि जो तुमको चाहे,
उसको तुम्हारी हर बात भाए,
नज़रिए को उसके भी तुम समझना,
लफ़्ज़ों से ज्यादा आँखों को पढ़ना,
जो हर बात पर बस अपनी ही गाए,
कैसे भला कोई उसको है चाहे।
जरुरी नहीं कि.....
है इंसां अलग तो नज़रिए भी होंगे,
ये बात छोटी-सी हम कब समझेंगे,
जो अपने नज़रिए में ही उलझा जाए,
कैसे भला कोई उसको है भाए,
जरुरी नहीं कि.....
Well said
Excellent. Keep it up.👍🏻
Nice 👌🏻
💕🙌