Aditya Dube
वो चेहरा जो मेरा आज तक नही हुआ,
वो चेहरा जिसे मैं किसी भी भीड़ में पहचान लु,
वो चेहरा जिसे आज भी दिल याद करता है,
वो चेहरा जिसकी एक हँसी के लिए में कुछ भी कर सकता था,
वो चेहरा जिसे में आज भी अपने सपनों में देखता हुं,
वो चेहरा जो फूल से ज्यादा खिलता है,
वो चेहरा जो चांद से ज्यादा निखरता है,
वो चेहरा जो मेरी चाहत की वजह थी,
वो चेहरा जो मेरे रोते हुए चेहरे को हँसी मे बदल देती थी,
वो चेहरा जिसके सामने ताज महल भी फीका है,
वो चेहरा जिसको मैं अब अंजान मानता हुं,
वो चेहरा जो मेरा आज तक नही हुआ,
और शायद कभी होगा भी नहीं ।।
Very good topic and thought my dear nice continue this type activities.
Best of luck
बहुत ही सुंदर रचना , बेहतरीन सोच
Lovely poem
Vo chehra jab jab khaab me aata Hain..
Iss chehre pr muskan le aaata Hain..
Great Work, Pal! Keep Writing. 💜
This is great!
बहुत खूब !😍🤗
Beautiful expression of love focusing one word “Chehra” . Love it ! Simply beautiful. Indeed!
❤️brother nice work.. keep going.. !
A true love depicted in a poem❤️
What a heart touching poem❤
NICE ONE 👌🏻👌🏻
Amazing….❤ I m in love with this poem😍😍😍😍😍