चेहरा

Aditya Dube

वो चेहरा जो मेरा आज तक नही हुआ,
वो चेहरा जिसे मैं किसी भी भीड़ में पहचान लु,
वो चेहरा जिसे आज भी दिल याद करता है,
वो चेहरा जिसकी एक हँसी के लिए में कुछ भी कर सकता था,
वो चेहरा जिसे में आज भी अपने सपनों में देखता हुं,
वो चेहरा जो फूल से ज्यादा खिलता है,
वो चेहरा जो चांद से ज्यादा निखरता है,
वो चेहरा जो मेरी चाहत की वजह थी,
वो चेहरा जो मेरे रोते हुए चेहरे को हँसी मे बदल देती थी,
वो चेहरा जिसके सामने ताज महल भी फीका है,
वो चेहरा जिसको मैं अब अंजान मानता हुं,
वो चेहरा जो मेरा आज तक नही हुआ,
और शायद कभी होगा भी नहीं ।।

14 comments

  • Very good topic and thought my dear nice continue this type activities.
    Best of luck

    Subhash Tiwari
  • बहुत ही सुंदर रचना , बेहतरीन सोच

    Dr. Nagesh
  • Lovely poem

    Rashmi
  • Vo chehra jab jab khaab me aata Hain..
    Iss chehre pr muskan le aaata Hain..

    Shubh
  • Great Work, Pal! Keep Writing. 💜

    Aditya Gautam
  • This is great!

    Raja Bhandari
  • बहुत खूब !😍🤗

    Maanya
  • Beautiful expression of love focusing one word “Chehra” . Love it ! Simply beautiful. Indeed!

    Vinita
  • ❤️brother nice work.. keep going.. !

    Anurag Thakur
  • A true love depicted in a poem❤️

    Supriya Dubey
  • What a heart touching poem❤

    Abhishek Goyal
  • NICE ONE 👌🏻👌🏻

    Purbani
  • the best poem❤bhai
    Ayan
  • Amazing….❤ I m in love with this poem😍😍😍😍😍

    Aditi

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