Oorjanidhi
मिलने की इच्छा रख
मिल ना पाऊं
कोई गम नहीं
दूर हो जाऊं तुमसे
तुम्हें देख भी ना पाऊं
विरहा की अग्नि में स्वाहा हो जाऊं
खुद का पता पूछूँ
खुद को भूल जाऊं
लम्हा एक भी...
बिन तुम्हारे जी ना पाऊं
इसका एहसास तुम्हें करा भी न पाऊं
महसूस करूं...
तुमसे कह भी ना पाऊं
तुम्हें न पाने का...
कभी सोच भी ना पाऊं
जज्बात मेरे यूं...
छुपा भी न पाऊं
इससे बड़ा कोई गम नहीं
तुम्हें समझा भी न पाऊं।।
वाह !!!
चुने शब्द हैं
चंद कहने को लेकिन,
बयां है किया खास
एहसास दिल का ।
है चाहत मगर
कह नहीं पाना कुछ भी,
है सबसे बड़ा दर्द
बस ये ही दिल का ।।
Thank u all!!😊
Sometimes some feelings cant be expressed and You have stated in well manner in your poem:)
Greattt!
Sooperb write👍
Very well expressed in less words..!
Kya baat hai……
very well expressed….
Deep , well expressed .