By Riya Patel
लगा था जिन्दगी थम सी जाएगी,
कोरोना से नही तो बोरियत से तो मर ही जायेंगे।
एक दिन तो बहोत ही मज़ा आया,
ना कॉलेज की टेंशन ना ऑफिस के चक्कर,
बस आराम ही आराम,
लगा बस यूही चलता रहे सब।
दिन भर मोबाइल चला लिया,
आराम कर कर के थक गए,
तब जहन मे सवाल आया,
के अब क्या करे।
तब माँ ने बोला,
इससे अच्छा मौक नही मिलेगा,
परिवार के साथ समय बिताने का।
सब साथ मे योगा करते है,
दादा दादी से आसन नही होते पर प्राणायाम जरूर करते है।
पहले किचन मे सिर्फ माँ खाना बनाते हुए दिखती थी,
पर अब पापा के अंदर ka masterchef जाग गया है,
रोज़ हमे स्वादिष्ट भोजन खाने को मिलता है।
दादाजी अपने किस्से सुनाते है,
दादीजी पंचतंत्र कि कहानियाँ सुनाती है,
पापा पुराने गाने सुनाते है,
सब साथ मिलकर वो गाने भी गाते है,
अब पता चला कि घर में sab ludo के champions है,
हमने कभी भी इतना वक़्त साथ मे नही बिताया है।
अब लग रहा है मानो ये वक़्त यही थम जाए,
परिवार के sath समय बिताने का ऐसा मौका फिर कब मिले।
Nice written!
Nicely written👌👏
Loved the words you have choosen.
Fantastic one!
Really make sense!
Sahiiii💗💗💗
Awesome awesome awesome….🖤🖤
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bravo tom😍
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Very true 💯
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Kudos! This is great :)