कामयाबी की सुबह

By Simran Thakur

"हर कदम तुझे मुश्किलें सताएगी
तेरी परीक्षा केवल कागज़ पर नहीं लिखी जाएगी
कुदरत तुझे अच्छा-बुरा सब दिखाएगी
कभी तेरा धैर्य तोड़ेगी, कभी तुझे मजबूत बनाएगी
तू अपने इरादों का हौसला हमेशा रखना बुलंद
एक दिन तेरी कामयाबी की सुबह जरूर आएगी।

बादलों में छिपकर भी सूरज चमकना नहीं छोड़ता
चट्टानों के आने से सरिताएं रास्ता नहीं बदलती
काली घटायें भी बरसकर शांत हो जाएगी
तूफ़ान आने के बाद जिंदगी फिर संवर जाएगी
जाड़े, पतझड़ की मुरझाई कलियाँ वसंत में फिर खिल जाएगी
एक दिन तेरी कामयाबी की सुबह जरूर आएगी।

चाँद अकेला ही कभी अधूरा कभी पूरा होता है
सितारा भी अपनी आखिरी सांस तक चमकता है
चोटिल पक्षी भी उड़ने का जतन करता है
कोशिशो से ही हर जानवर का पेट भरता है
ईश्वर की दी गयी अमानत, प्रयास ही तुझे सफलता दिलाएगी
एक दिन तेरी कामयाबी की सुबह जरूर आएगी।

खुदा की सबसे सशक्त रचना हैं तू
लक्ष्मी, सरस्वती, आदिशक्ति की मूरत हूबहू
अपने भीतर की काबिलियत को कम मत आंकना
दर्द सहने की हद हैं तू
ज़िंदगी के कठिन समय से न डरना, न भागना
यही तेरी किस्मत को उज्जवल बनाएगी
एक दिन तेरी कामयाबी की सुबह जरूर आएगी।

धैर्य, साहस, प्रेम सब तुझमे निहित
बलिदान करती बिना सोचे अपना हित
सोच कितनी बलशाली होगी तेरी बनावट
बस तुझे खुद को है पहचानने की जरुरत
अपने दृढ निश्चय से तू जल, थल, नभ, पर्वत,
सबको अपना बना जाएगी
एक दिन तेरी कामयाबी की सुबह जरूर आएगी।"


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