यह क्या हो गया है इस गुलज़ार-ए-जहां में

By Puneet Kumar 

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यह क्या हो गया है इस गुलज़ार-ए-जहां में,
भाई-भाई को मारने पे क्यों तुला इस जहां में।
सच्चाई से वाक़िफ न होकर, सिर्फ़ दूसरों की बात सुनकर
आ जाते हैं सड़क पर लाठियां-ड़ंड़े वे लेकर।
सोचते तनिक भी नहीं,
यह देश है धर्मों में बंटा जातियों में बंटा
परंतु इसकी आत्मा और अस्तित्व एक है।
क्यों लड़ते हो खुद में, लड़ो उनसे जो तुम्हें लड़वाते हैं
जवाब दे दो अब उन्हें हम उनकी उंगलियों पे नहीं नाचते हैं।


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