By
Rakesh Kawar
एक नया साल एक नई शुरुआत,
नया जोश, नया उत्साह, नई ऊर्जा का आग़ाज़।
दिल ने कहा चलो बने कुछ संकल्प आज,
हाथों का कलम आया किताब की कोरे पन्नों के पास।
वजन काटा को देख मन होता है भयभीत,
चलो करेंगे व्यायाम व खाने की बदलेंगे रीत।
पुरानी अलमारी में पड़े डिब्बे में है कई रंगों का मेला,
आओ बनाए सुंदर चित्र जिसमें हो लाल पीला व नीला।
पड़ोसी ने दिया एक पहाड़ी देश का चुंबक,
तो चलो घूम कर देख आए हम भी वह नजारे अद्भुत।
आज पूर्ण करें वह प्यारी सी कविता अधूरी,
लिख दे अल्फाजों को जिस से भरी है दिल की तिजोरी।
यह सभी संकल्प पन्नों पर तो उतर जाते हैं,
पर शायद ही कुछ अमल हो पाते हैं ।
तो आओ पहले ज़िन्दगी को खुलकर करें स्वीकार,
खुश रहेंगे, ना रहेगा क्रोध भय व अहंकार।
खुशनुमा हो जीवन तो हर पल खूबसूरत नजर आए,
खुद ही खोजे समय पूर्ण करने वह कार्य जो दिल को लुभाए।
बस यही एक छोटा सा संकल्प लूं मैं आज,
जीवन बिताऊ सादा हंसी व खुशी के साथ।
Thank you
Thank you
Nice lines….