NEHA SINGH PARIHAR
पलकों के पालने में सजा है एक सपना,
जब मैं जागती तो वो भी जागता,
जब मैं सोती तो भी वो जागता,
एक दिन पूछा मैंने उसको -
नींद नहीं आती तुमको ?
तो कहा सपने ने मुस्कुराते हुए ,
कौन आता है रोज़ तुम्हे उठाने के लिए !
तू जब भी सोती ,
मेरे ही बीज बोती।
और जब जागती ,
तो मझे बड़ा करने की आरज़ू में लग जाती।
तेरी नींद ही मेरा सुकून है।
और तेरा जागना मेरा ही जूनून है।
Wonderful.. Such a deep though.
Teri neend hi mera sukoon h aur tera jagna mera hi junoon h…….
Ye lines bht achhi h….
wah.
junoon hi jine ka salika hai…
aye spne dekh yahi humare jeene ka tarika hai…..