कावेरी सिंह
टकरा गई है आंखे
मेहफील में अभी-अभी,
वो पहली मुलाकात वाला प्यार,
हुआ है अभी-अभी।।
जब देख ही लिया तो इत्मीनान से दीदार कर लूं
तेरी आंखों को पढ़कर,
तेरे नाम का इज़हार कर लू...
छुप-छुप कर...
तुम भी देख रहे हो मुझे,
धीरे-धीरे हम भी पढ़ रहे है तुम्हें,
आओ... इस इश्क को आज सरेआम कर दे
निगाहों से होता है प्रेम तो,
चलो आज ही प्रेम विवाह कर ले।।
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निगाहों से होता है प्रेम तो……….प्रेम से क्या हुआ ?
एकदम सही जा रहे हो दोनो कविता भी कमेंट भी
आओ… इस इश्क को आज सरेआम कर दे – खूबसूरत रचना
वो पहली मुलाकात वाला प्यार,
हुआ है अभी-अभी।। Great Lines :)
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